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Jai maa kaali jai maa tara sabhi ko subhoday


सुलेमानी लाल पारी साधना 



यह साधना जीवन में धन की कमी को दूर करती है और कार्य में आने वाली प्रत्येक बाधा को नष्ट कर देती है। इस साधना से आकस्मिक धन की प्राप्ति होकर जीवन सुखमय हो जाता है । इस परी में धन और जल तत्व प्रधान है, अत: यह सौन्दर्य के साथ समृद्धि का भी प्रतीक है।


यह साधना किसी भी संक्रान्ति के पश्चात् आने वाले प्रथम शुक्रवार को आरम्भ करें । चमेली के तेल का दिया जलाकर, लाल सिंगरफ* से स्वयं के चारों ओर एक घेरा बना लें । जब साधना में बैठें, तो जब तक जप सम्पूर्ण न हो उस घेरे से बाहर न निकलें । चमेली और गुलाब पुष्प पास में रखें। यदि मंत्र जप के मध्य परी प्रकट होकर साधक के पास आकर बैठ जाये, तो तनिक भी विचलित न हों, मंत्र जप करते रहें । साधना पूर्ण होने पर ही परी पर पुष्प वर्षा करके मनचाहा वचन ले लें। धूप व लोबान जलाकर ही मंत्र जाप शुरू करें। चारों ओर इत्र का छिड़काव करें। सफेद वस्त्र धारण करें, लाल हकीक की माला से मंत्र जपें । पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठें। घुटनों के बल बैठकर भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। मंत्र इस प्रकार हैं-


बिस्मिल्ला सुलेमान लाल परी हाथ पे धरी खावे चुरी निलावे कुज्ज हरी ॥


इस मंत्र की २१ माला जप करें। दूध से बनी मिठाई भी पास रखें, जो परी के प्रकट होने पर उसे अर्पण करें। यह साधना २१ दिन तक करें ।



(केवल मुस्लिम पद्दति में ही करने से सपलता मिलती है )







सुनयना किन्नरी साधना

यह किन्नरी बहुत ही सरल स्वभाव की है। अद्भुत सौन्दर्य की स्वामिनी यह सुनयना किन्नरी सरलता से प्रसन्न होने वाली है। इसकी साधना में कोई विशिष्ट यत्न नहीं करना पड़ता, मात्र शुद्ध चित्त व एकाग्रता ही पर्याप्त है।

इसकी साधना अमावस्या से पूर्णमासी तक करनी होती है। चौकी लगाकर लाल वस्त्र बिछाकर पूर्व की ओर मुख करके बैठ जायें। पहले गणेश पूजन करें और गुरु मंत्र का जाप कर लें। गाय के घी का दीप जलाएँ। दूध से बना मिष्ठान रखें। रूद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप

करें

मंत्र — ॐ सुनैना सुनयनाये नमः ॥ रात्रि १२ बजे के पश्चात् उपरोक्त मंत्र की ११ माला प्रतिदिन जप करें। अंतिम दिन सुनयना किन्नरी प्रकट होकर साधक को मनचाहा फल देती है। साधना को गुप्त रखने का दायित्व साधक का ही है ।

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